शब की सहर ( سحر )
@usha__rani
❤️वो रंग भरते है ज़िन्दगी में❤️
तेरे क़दमों की आहट को ये दिल ढूढता है हरदम💔 हर इक आवाज़ पे इक थरथराहट होती जाती है💔 #मीना_कुमारी youtu.be/Hx9M39vYiPQ @BimlaVerma6 @pankaj_2210 @rainy1800 @NeelamWrites @margret_017 @MrsMeenak @AvantikA_2 @Yasmeen80859727 @Akhil1774 @jatinsharma0571
उनकी आँखो में आंसू ये समझ नहीं आते , ख़ुशी के या दुख के वैसे अक्सर नहीं आते।। ✍🏻 राव #ऋः
राम प्रेम बिनु दूबरो राम प्रेमहीं पीन। रघुबर कबहुँक करहुगे तुलसिहि ज्यों जल मीन।57। राम सनेही राम गति राम चरन रति जाहि। तुलसी फल जग जनम को दियो बिधाता ताहि।58। ~ तुलसीदास (दोहावली) समस्त सदस्यों को प्रातः कालीन #राम_राम @arungovil12 @pareeknc7 @IndianSanskriti…
हरी-हरी वसुंधरा पे नीला-नीला ये गगन, के जिस पे बादलों की पालकी उड़ा रहा पवन..!!🎶 #प्रकृति ☘️🌿 #लेखनी ✍️ #विश्व_प्रकृति_संरक्षण_दिवस 🎬 बूँद जो बन गई मोती (1967) 🖋️ भरत व्यास 🎵 सतीश भाटिया 🎤 मुकेश 🎞️ जीतेंद्र @madhuleka @ShwetaJha24 @margret_017 youtu.be/nsGFBICGsgY?si…
तुम्हारी खूबसूरती मेरे अल्फ़ाज़ में खूबसूरती भरती है तुझ से मिलने की चाह मेरे एहसास से गुजरती है जमाना मेरे अल्फ़ाज़ की खूब तारीफ करता है मेरी कविता तो तेरे वाह कहने से महकती है @ताजा✍️✍️ #अपनी मौज का मुसाफ़िर ❣️ #बज्म_काव्य_मंच #GoodMorningXFriends
है #कली-कली के लब पर, तेरे हुस्न का फ़साना, मेरे गुलसिताँ का सब कुछ, तेरा सिर्फ़ मुस्कुराना..!!🎶 #कली 🌷 #लेखनी ✍️ 🎬 लाला रुख़ (1958) 🖋️ कैफ़ी आज़मी 🎵 खय्याम 🎤 मो. रफ़ी 🎞️ सादिक़ अली । राधिका @madhuleka @margret_017 @ShwetaJha24 @niranzangurjar youtu.be/V2f7C-JsG2I?si…
कोई नग़्मा कहीं गूँजा, कहा दिल ने के तू आई, कहीं चटकी #कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाई, लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में..!!🎶 #कली 🌷#लेखनी ✍️ 🎬 कन्यादान (1968) 🖋️ गोपालदास सक्सेना (नीरज) 🎵 शंकर जयकिशन 🎤 मो. रफ़ी 🎞️ शशि कपूर । आशा पारेख @madhuleka…
एक तुम हो यहाँ,एक मैं हूँ यहाँ हमारी साँसें ही बातों को करती बयाँ न कोई प्रश्न है,न ही उत्तर कोई मौन में डूबे हैं सारे संवाद भी हमारी चुप्पी ही स्पर्श खुद कर रही बात अंतःकरण की—वो कुछ कह रही #कुँवर_सर्वेन्द्र_विक्रम_सिंह #poet #Trending #NDTV रचनाकालिंक👇 amarujala.com/kavya/mere-alf…
#धानी चुनरी पहन, सज के बन के दुल्हन, जाऊँगी उनके घर, जिनसे लागी लगन, आयेंगे जब सजन, जीतने मेरा मन, कुछ न बोलूँगी मैं, मुख न खोलूँगी मैं, बज उठेंगी #हरे, काँच की चूड़ियाँ..!!🎶 #हरियाली_तीज ☘️🌿 #लेखनी ✍️ 🎬 हरे कांच की चूड़ियां (1967) 🖋️ शैलेंद्र 🎵 शंकर जयकिशन 🎤 आशा भोसले 🎞️…
तुलसी स्वारथ राम हित परमारथ रघुबीर। सेवक जाके लखन से पवनपूत रनधीर।55। ज्यों जग बैरी मीन को आपु सहित बिनु बारि । त्यों तुलसी रघुबीर बिनु गति आपनी बिचारि।56। ~ तुलसीदास (दोहावली) समस्त सदस्यों को प्रातः कालीन #राम_राम @arungovil12 @pareeknc7 @IndianSanskriti @ShwetaJha24…
#सुप्रभात #सुविचार #बातेंसाहित्यकी #बातें_साहित्य_की @AarTee33 @ArchanaVed @tripathiarun123 @kr0271amit @alokrsrivastav @DrReenaAnamika @pareeknc7 @PeetamberC @Sushmash4Sushma @Dev__Devansh @DrPujaJha @Deepak32124279 @NathaGeeta @ShwetaJha24 @santoshkr1870 @88kanhaiyalal
ये #कली जब तलक फूल बन के खिले, इन्तज़ार, इन्तज़ार, इन्तज़ार करो..!!🎶 #कली 🌷 #लेखनी ✍️ 🎬 आये दिन बहार के (1966) 🖋️ आनंद बख़्शी 🎵 लक्ष्मीकांत प्यारेलाल 🎤 लता मंगेशकर । महेंद्र कपूर 🎞️ आशा पारेख । धर्मेंद्र @madhuleka @ShwetaJha24 @margret_017 youtu.be/UTJrtn5BWzc?si…
काश ! ऐसा होता कभी कि कभी मेरे अरमानों का सावन बरसता काश ! ऐसा होता कभी कि तेरी मोहब्बत का #झूला मैं झूल पाती काश ! ऐसा होता कभी कि मेरी जलती तनहाई को थोड़ा क़रार मिल जाता🌺 #सहर । #बज़्म

सुनो साजन आया सावन आओ #झूला झूले प्रेम की पीग बढ़ाकर हम तुम धरती से अम्बर छूले धानी रंग की ओढ़ चुनरियाँ तुझको पिया रिझाऊँगी मेघ मल्हार की मधुर धुन पर संग में हम तुम झूमे कितनी रूत तुम बिन है गुज़री कितने सावन बीते अबकी सावन की रूत में हम प्रेम रंग में भीगे #बज़्म #बर्फ़ी
ये क्या लिख दिया, ये तो कविता के भावों का उच्चतम स्तर है, भावों को पिरोने का हुनर कोई आप से सीखे। लाजवाब रचना 👌🙏
सावन की घटाओं, धीरे धीरे आना धीरे धीरे आना बेदर्द तितलियों, शोर ना मचाना..!!🎶 🎬 आगे बढ़ो (1947) 🖋️ अमर वर्मा 🎵 सुधीर फड़के 🎤 मो. रफ़ी । ख़ुर्शीद 🎞️ देव आनंद । ख़ुर्शीद @madhuleka @ShwetaJha24 @margret_017 @niranzangurjar @yogpreet @dhirendra0612 youtu.be/KmdYVbqST7o?si…
ज़माने के मुंह पर ज़माने की बातें समझ रहा हूं अगर कह रहा हूं शाद-आरफ़ी
जो आनंद न लें सद्विचारों का, वो हिस्सा होते हैं बेचारों का!!
हम भी ख़ामोशी से देखेंगे अबकी बार तमाशा, इस पत्थर से कितना पानी और रिसता है अब। #ऋतु #शुभ_संध्या