Rao...
@Rao_book
ll Poetry ll Reader ll Nature ll
कुछ तो लिख दे मेरे मालिक इस कदर , वर्ना कौन जानेगा सताये गए किस कदर ll ✍🏽राव #ऋः
बे ख्याली का आलम देख शर्म आ जाए खुद को , वैसे ख्याल दर ख्याल क़त्ल किया हमने खुद को ✍️🏻राव #ऋः

ज़रूरी नहीं कि दूर या क़रीब होते है , प्यार में हमेशा ही लोग गंभीर होते है।। ✍🏻 राव #ऋः
यूँ की बरसात के मौसम में निकल जाए , दे छतरी किसी को और खुद भीग जाए ll ✍️राव #ऋः

उनकी आँखो में आंसू ये समझ नहीं आते , ख़ुशी के या दुख के वैसे अक्सर नहीं आते।। ✍🏻 राव #ऋः

खुशी तो नजरिए की बात है , वर्ना दुख की वजहात बहुत है ।। ✍️ राव #ऋः

मेरे शुख़न के एहसास को नजर लग गई , न जाने खुशी को कैसे ये खबर लग गई l ✍️राव #ऋः

सबसे खतरनाक होता है , हमारे सपनो का मर जाना ll ✍️🏻पाश (अवतार सिंह संधू ) #ऋः
कभी देखा है किसी शहीद को लिपटे तिरंगे में , किसने कह दिया की कफ़न खूबसूरत नहीं होता l ✍️🏻राव #ऋः #करगिल_विजय_दिवस

यही से गुज़रे थे वो न आने के लिए , लौटे भी कभी तो बस कहने के लिए ll ✍️राव #ऋः

आराइश लम्हे गुजरे तेरे बगेर कितने दर्द लिए , खुशियाँ जैसे सो रहीं अपनी-अपनी ज़मी लिए ll ✍राव #ऋः

जिंदगी का हर दिन एक स्याह सा गुज़रे, गालिब मजा तो आता है पर बहुत आता है ll ✍️ राव #ऋः

की मुश्किल... होगा दिल के ज़ख्मों का सूखना , तू कभी गुज़रे यहाँ से तो बस मिलने मत आना ll ✍️राव #ऋः

बारिश न जाने कब रुक गई हमें पता न चला , इतने भीग गए कि छाता खुला था खुला रहा। ✍🏻 राव #ऋः

नजर लग गई अम्मा के इस मुन्ने को , राते तक तरस गई कहानी सुन्ने को।। ✍🏻 राव #ऋः
इश्क़ में अक्सर ग़ालिब एसे भी मुक़ाम आते हैं, दिल टूटता हैं फिर भी चहरे पर मुस्कान लाते है l ✍राव #ऋः

इस शहर में बेशक तेरे दिवाने हज़ारों मिले , पर तुझसा हंसी न था कोई ज़िक्र करते रहे ll ✍️राव #ऋः

जिंदा दिली के लिए इक खरीद लाए , पुराना कमबख्त दिल जीने नहीं देता ll ✍️राव #ऋः
