दिलीप जोशी
@Medilipjoshi
RTs are not endorsement. No DM,No political tagging. Do not expect RT against RT
हयाती की शिक़ायत छोड़ दी मैंने ख़ुदा से अब शफ़ा'अत छोड़ दी मैंने खड़ी थी ख़ूब मुद्दत से मुहब्बत की इमारत दर्मियानी तोड़ दी मैंने इक़ामत के सबब से ना पुकारो तुम गुज़र सम्त दूजी मोड़ दी मैंने * शफ़ा'अत-सिफ़ारिश * इक़ामत- पड़ाव ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
ख़ुदावंदा करम कर फ़ज़्ल कर अहवाल पर मेरे नज़र कर आप पर मत कर नज़र अफ़आल पर मेरे ! ~ आबरू शाह मुबारक
'दुआ' पर चंद पंक्तियाँ लिखें― या कोई शायरी अथवा गीत के बोल साझा करें।
क्या तब्सिरा ही करूं तेरे सुख़न पे कोई की ज़र्रा पेश-ए-नज़र मैं बज़्म-आरा तेरे ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
क्या मैं बताऊं तुझे क्या हाल-ए-जिगर है मिरा रू-ब-रू 'अक्स तेरा पर दिल को मलाल बड़ा * 'अक्स : तस्वीर ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
कभी तो पढ़ के बताओ हमें दोस्तों... हम दिल तक भी पहुँचे हैं कि नहीं...
बेरंग आब-ए-बारिश ने बहुत आलमे तन्हाई को रंगीं बना दिया ~दिलीप #दि_ली_प @Medilipjoshi
तीज का त्योहार ये पानी की फुहार है सखी री ख़ूब ये झूलों की बहार ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 26/7/2025 का दैनिक शब्द - तीज उत्सव :- #श्रृंगार कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
कड़वाहट तो वैसे ही सब के पास बहुत है मिठास की वजह बनिये..दर्द नहीं दुआ दीजिये... ~@margret_017 @margret_017
'दुआ' पर चंद पंक्तियाँ लिखें― या कोई शायरी अथवा गीत के बोल साझा करें।
मुझको मुझसे जुदा करने वाले दुआ है तेरी दुनिया आबाद रहे ~दिलीप #दि_ली_प
एक दरीचे दिल धड़कता एक दरीचे ख़ूब-रू के नज़र आया मुहब्बत का ये मंज़र रू-ब-रू ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
इस तस्वीर के अनुरूप कोई उपयुक्त फिल्मी गीत या ग़ज़ल साझा कीजिए।
फिका जल्सा-ए-फ़त्ह तेरा है इक ना-तुवाँ के मुक़ाबिल ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
बेबाक अंदाज़ 👌 अपना अपना नज़रिया सबका अपनी अपनी है सबकी सोच कार-ए-ख़ास तू आया जहाँ में फ़त्ह-ए-कार बशर अबकी सोच ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
तेरी रक़ीब यूँ रुख़्सत ने नबर्द से फ़त्ह-ए-जंग-ए-मुहब्बत को बेमज़ा किया * नबर्द : जंग, लड़ाई ~दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi
बना हुनर को अपना तू सिलाह ओ मुबारज़ा-ए-ज़ीस्त फ़त्ह कर बशर ~ दिलीप जोशी 'दीवाना' @Medilipjoshi #लेखनी
क़सम से कुछ भी नहीं,तेरी सताइशों का क़माल है कल था मैँ फ़र्श पर,आज तेरे सामने अर्ज़ ए हाल है तेरे वक्फे के ग़म में ज़ख़्म सिसके,लफ्ज़ बनते गए मिसरे गुलिस्ताँ हुए,रुबाईयां रंग लब का,जो लाल है.... सताइश--प्रशंशा अर्ज़ ए हाल--वर्तमान स्थिति वक्फा-दूरी #अशोक_मसरूफ़ #बज़्म
शहीदों की चिताएँ तो वतन की आरती सी हैं उठीं लपटें किसी नागिन-सदृश फुफकारती –सी हैं जिन्होंने दे दिया बलिदान हिंदुस्तान की खातिर, उन्हें शत्-शत् नमन मेरा, उन्हें शत्-शत् नमन मेरा #उर्मिलेश_शंखधर #कारगिल_विजय_दिवस #लेखनी
बेहतरीन
फड़फड़ाता है बहुत जो ज़िन्दगी के जाल में वो परिन्दा फँस गया है मुफ़लिसी के जाल में दुश्मनी के जाल में हम फँसने वाले ही न थे हमको दुश्मन ने फँसाया दोस्ती के जाल में -Divya 'sabaa' @divya_sabaa
मैं रोया परदेस में #भीगा माँ का प्यार, दुख ने दुख से बात की बिन चिठ्ठी बिन तार। छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार, आँखों भर आकाश है बाहों भर संसार। ~ निदा फ़ाज़ली #भीगा #लेखनी ✍️
फ़ितरत हमारी भी क्या खूब है के सबब-ए-वफ़ा सब कुछ भुला दिया #दि_ली_प @Medilipjoshi #Sabab #Shair