#बज़्म тмg
@BazmKavyamanch
बज्म : अंतर्राष्ट्रीय काव्य मंच , जुड़ने के लिए DM करे #बज़्म #बज़्मकाव्यमंच
"कुछ अच्छी बातें लिखकर केवल ज्ञान देना तब तक सार्थक नही जब तक उन पर अमल करना हमारी खुद की प्राथमिकता ना हो.कविता , कहानी ,शायरी ये सब भावों की शाब्दिक अभिव्यक्ति है जो महज अंतर्मन से निकलती है इसमें बनावट या नकल का पुट डालने की बजाय अपने अंतर्मन के भावों को जोड़ने के लिए शब्द…
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 27/7/2025 का दैनिक शब्द - बज़्म तीज उत्सव :- #तीज #झूला कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।

झुका लूँ सिर मैं भी तुम्हारे माथे पर,, कभी मेरी बिंदी तुम्हारा चंदन तो बने,, ~कीर्ति चन्द्रा #बिंदी #बज़्म
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 25/7/2025 का दैनिक शब्द - तीज उत्सव :- #झुमका #बिंदी #पायल कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
📅 दिनांक – 26/07/2025 🎯 विषय – #श्रृंगार 💄👁️🗨️💍🪞💃💅👑 #श्रृंगार केवल आभूषणों की सजावट नहीं,बल्कि भावनाओं की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति है कभी नयनों की भाषा बनता है, तो कभी प्रेम का मौन इज़हार। यह वो छवि है जो मन में उतर जाए,वो एहसास है जो शब्दों से भी सुंदर हो जाए। कभी सजी…
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 26/7/2025 का दैनिक शब्द - तीज उत्सव :- #श्रृंगार कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
आज की कुछ स्त्रियाँ शृंगारित होना चाहतीं हैं हिंदी की बिंदी से पूर्णतः सुशिक्षित होकर. संस्कृति के झुमके डाल कानों में प्राचीन व आधुनिक संगति विचार प्रसारित करना चाहतीं हैं व्यवहार की पायल पहन वो सुनाना चाहतीं हैं कि. (सम्पूर्ण ALT में पढ़िए⬇️) #बज़्म_काव्य_मंच @AbidZaidi1
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 26/7/2025 का दैनिक शब्द - तीज उत्सव :- #श्रृंगार कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।

#बज़्म_काव्य_मंच में आज 25/7/2025 का दैनिक शब्द - तीज उत्सव :- #झुमका #बिंदी #पायल कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।

#बज़्म_काव्य_मंच में आज 24/7/2025 का दैनिक शब्द - #चेहरा कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।

#बज़्म_काव्य_मंच में आज 23/7/2025 का दैनिक शब्द - #धुन कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।

#बज़्म_काव्य_मंच में आज 22/7/2025 का दैनिक शब्द - #तितली कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।

कुछ खवाब सज गए आँखो में काजल की तरह और नींदों को हराम कर गए कुछ ख्वाब बह गए खारे पानी की तरह और रुखसार पर सूख गए कुछ ख्वाब थे तेरे मेरे जो टूट गए और आँखों में कसक बनकर रह गए कुछ ख्वाब अब भी देखूँ अपने मिलन के और सिर्फ़ वो एक ख्वाब बन कर रह गए ख्वाब थे … ख्वाब…
हादिसे ग़र न गुज़रें होते तो मैं उम्र भर बच्चा ही बना रहता .. कमल पुंडीर @Arif61916342 @Mushtaq13266417 @BimlaVerma6 @_Sukoon @H_kumar1 @Shabnam38209239 #बज़्म #सरस #शायरांश
माँ का तारों की क्यारियां बताके लौरी सुनाना याद रखते हैं... पिता का नन्ही उंगली पकड़के चलना सिखाना भूल जाते हैं... #Happy_Fathers_Day ...कमल पुंडी़र #बज़्म #सरस #शायरांश #हिंदी_शब्द #वीणा #कलम #khudshayar #Group_of_writers
लौट आया हूँ खाली हाथ! तड़प रहा हूँ खाली हाथ!! क्या कहूँगा बच्चों को जाके! झुंझला रहा हूँ खाली हाथ!! क्या खायेगे भूखें बच्चें आज! छाले देख रहा हूँ खाली हाथ!! खाली हाथ आया दुनिया में! अब जा रहा हूँ खाली हाथ!! ..कमल पुंडी़र #बज़्म #सरस #शायरांश #हिंदी_शब्द #खुदशायर #कलम
बज़्म तीज उत्सव ! तीज का त्योहार सिर्फ़ एक पर्व नहीं, यह नारी की भावना, सौंदर्य, श्रद्धा और उत्साह का अनुपम उत्सव है। यह प्रकृति के नव-संवरण, वर्षा की फुहार और प्रेम की मधुर बूँदों में भीगता पर्व है। इस बार हम #बज़्म पर मना रहे हैं तीन दिनों का तीज उत्सव, जहाँ हर दिन होगा: •…
थाली में सरकती इतराती #रोटियाँ घी लगी मुँह फुलाती रोटियाँ माँ के हाथों से घूम घूम कर गोल गोल चक्कर लगाती रोटियाँ बेमतलब की बेमानी दुनियाँ में इंसान से मेहनत करवाती रोटियाँ फुलके, नान, तंदूरी, कुलचे,पूरी,पराठें बन हमको ललचाती रोटियाँ !!🤍 #बज़्म✨ #बर्फ़ी♥️ #TMG
🗓️ दिनांक: 21 जुलाई 2025 🎯 विषय: #ख्वाब #ख्वाब एक ऐसा सिलसिला जो बंद आँखों से शुरू होकर दिल की गहराइयों तक जाता है,कभी अधूरे अरमानों की परछाई होता है तो कभी उम्मीदों की चादर ओढ़े कोई नया सवेरा। #ख्वाब ना हों तो ज़िंदगी स्याह लगे और #सपने पूरे हो जाएं तो हकीकत भी कुछ कम सी लगे।…
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 21/7/2025 का दैनिक शब्द - #ख्वाब कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 21/7/2025 का दैनिक शब्द - #ख्वाब कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
