राध्या
@Radhya_S
फुर्सत से लेकर आना वक्त ज़रा, जल्दबाजी में कहाँ पढ़ पाओगे मुझे....... आसानी से समझ में नही आने वाली किसी को , ऐसी नायाब उलझनों की मुकम्मल किताब हूँ मैं ❤️❤️
सावन में सजना बोले मेरी बात गोरी सुन ले, अंबुआ की डाली में संग-संग झूला झूले। मेंड़ों पर मोर पंख पसारे नाचे जैसे प्रेम का फाग, कोयल गाए राग मिलन के हर डाली पर छाया अनुराग। हाथों में मेंहदी,चूड़ी छनके मन के पट खोले मल्हार, तीज की रात, प्रिय की यादें भरती हिया में रस अपार। #बज़्म
💐🙏🌷🚩
घिर आए सियाह बदरा प्रतीक्षा में भीगें नभ-तारा, हृदय में बरसे मन मयूरा भाए कजरी प्रेम राग प्यारा। तन मन महके भीनी-भीनी सावन बरसे झीनी-झीनी, मोर-पपीहा कूके बगिया में खुशियाँ बरसे अंगना में। झूला झूलें सखियों संग भरें जीवन में नव-रंग, मन में लेकर नई उमंग सावन में छाया बसंत। #बज़्म
बेधड़क वो हमसे बात नहीं करती है तकल्लुफ़ के साये में सोयी रहती है #बज़्म
प्यार हमेशा उस से करो, जिसके पास टाइम हो... ज्यादा बिजी लोगों को उनके बिज़नेस से ही प्यार करने को छोड़ दो... वो उसी के लायक़ होते हैं...!!
ख़ुशियों की दस्तक देती सुबह चौखट पर तेरे आने की आहट हुई है Reason to smile ❤️
खरीदारी के दौरान कितने का है? के बाद ....कितने में दोगे? और देने वाला रेट बताओ ये पूछना हम भारतीयों का अधिकार है😐
घिर आए सियाह बदरा प्रतीक्षा में भीगें नभ-तारा, हृदय में बरसे मन मयूरा भाए कजरी प्रेम राग प्यारा। तन मन महके भीनी-भीनी सावन बरसे झीनी-झीनी, मोर-पपीहा कूके बगिया में खुशियाँ बरसे अंगना में। झूला झूलें सखियों संग भरें जीवन में नव-रंग, मन में लेकर नई उमंग सावन में छाया बसंत। #बज़्म
गोरी तेरी हर बात में, बरसे सावन की फुहार। तेरे संग झूला झूलूं, यही है मेरा संसार। तेरी चूड़ियों की गूंज में, सुनूं मैं प्रीत का साज। तीज की रात तू संग हो, तो पूरी हो हर आस। तेरी यादों में ही अब, जीवन मेरा राग-विलास...✍🏻 #बज़्म
सावन में सजना बोले मेरी बात गोरी सुन ले, अंबुआ की डाली में संग-संग झूला झूले। मेंड़ों पर मोर पंख पसारे नाचे जैसे प्रेम का फाग, कोयल गाए राग मिलन के हर डाली पर छाया अनुराग। हाथों में मेंहदी,चूड़ी छनके मन के पट खोले मल्हार, तीज की रात, प्रिय की यादें भरती हिया में रस अपार। #बज़्म
💐🙏🌷🚩👌🏻👌🏻 बहुत बढ़ियां। 💐🙏🌷
सावन में सजना बोले मेरी बात गोरी सुन ले, अंबुआ की डाली में संग-संग झूला झूले। मेंड़ों पर मोर पंख पसारे नाचे जैसे प्रेम का फाग, कोयल गाए राग मिलन के हर डाली पर छाया अनुराग। हाथों में मेंहदी,चूड़ी छनके मन के पट खोले मल्हार, तीज की रात, प्रिय की यादें भरती हिया में रस अपार। #बज़्म
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा... 🌹🙏🏻🚩 जय श्री राधे कृष्ण 🚩🙏🏻🌹
कही भी चला जाऊ कितनी भी सुन्दर शांत जगह लेकिन तुम्हारी स्मृतियां मेरे साये की पीछा करती रहती हैँ कितने वर्ष बीत गए तुमसे बिछड़े लेकिन तुम्हारा वियोग है की मिटता ही नहीं 🖤
उदासियाँ वजह बनती है मन के ख़ालीपन की… और दुख उस ख़ाली जगह को दर्द से पूरा भरने की…
मिले तो थे अजनबी बन कर दिल को अच्छे लगने लगे पहले एक, फिर दो, फिर दिन बदिन मुलाकातों के सिलसिले बढ़ने लगे दिल ने कहा, दो पल की ज़िंदगी में कोई तो मिला जिस ही एहसास दिल के मिलने लगे .. मेरी काया का श्रृंगार बन जाओ तुम रूह तक जो निभ जाए .. वो प्यार बन जाओ तुम ..💕…
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 25/7/2025 का दैनिक शब्द - तीज उत्सव :- #झुमका #बिंदी #पायल कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है , #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
इस बार तुम फिर आना वही पुरानी चाँदी की पायल पहन कर जिसकी झंकार में तुम अपनी सुध बुध खो देती हो तुमने कहा था ना यह पायल माँ की निशानी है इसमें माँ बसती है सुनो #पायल को छूकर तीज के उत्सव पर तुम्हें झूला झूलते हुए इस बार माँ से… मैं तुम्हें माँगना चाहता हूँ #Rajeshgauri #बज़्म