Bhaskar | भास्कर | بھاسکر
@imbhaskarshukla
Research Scholar @iithyderabad | Student of Engineering, Mathematics & Poetry
उस का बड़ा एहसाँ है तख़य्युल पे हमारे कितने भी कहें शे'र उधारी तो रहेगी एक लंबे वक़्फ़े के बाद कुछ नई-पुरानी ग़ज़लें रेख़्ता पर शाए' हुई हैं, नीचे लिंक पर जाकर पढ़ी जा सकती हैं। बहुत शुक्रिया टीम @Rekhta ❤️ rek.ht/et/0psz/2
मुस्कुराने से कहाँ जाता है दुख यूँ छुपाने से कहाँ जाता है दुख और भर जाता है सीने में धुआँ जी जलाने से कहाँ जाता है दुख दुख के आने से चले जाते हैं सुख सुख के आने से कहाँ जाता है दुख 'भास्कर' का दिल बड़ा महफ़ूज़ है इस ठिकाने से कहाँ जाता है दुख #BhaskarShukla #Ghazal
बहुत आसान है कहना बुरा क्या है भला क्या है करोगे इश्क़ तब मालूम होगा मसअला क्या है ~ भास्कर शुक्ला


मुंतज़िर उस की गर्द-ए-राह के थे आँखों में सो ग़ुबार सा है कुछ ये जो मोहलत जिसे कहें हैं उम्र देखो तो इंतिज़ार सा है कुछ #MeerTaqiMeer ❤️
ख़ामुशी अस्ल में उसलूब थी हम जैसों का हम इसी लहजा-ए-तकरीर से पहचाने गए ~ अभिषेक शुक्ला @ShaharyarShukla ❤️


बताऊँगा जहाँ को तू मेरा मुर्शिद है लेकिन बनूँ पहले तेरा शागिर्द कहलाने के लायक़ ~ भास्कर शुक्ला
ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ हम अपने शहर में होते तो घर चले जाते ~ उम्मीद फ़ाज़ली

शायद नज़र आ जाए कभू यार की सूरत पैदा हो किसी तौर तो दीदार की सूरत उस रह में पड़े रहते हैं हम ख़ाक की मानिंद उस दर पे खड़े रहते हैं दीवार की सूरत ~ भास्कर शुक्ला
ख़ुश वो है जिस के वास्ते दुनिया सराब है उस की ख़ुशी भी क्या जो मयस्सर से ख़ुश हुआ ~ जमाल एहसानी
ऐसे मिले नसीब से सारे ख़ुदा कि बस मैं बंदगी के ज़ोम में चिल्ला उठा कि बस इक खेल ने हमारा मुक़द्दर बदल दिया वो तो हमें पुकार कर ऐसा छुपा कि बस ~ नोमान शौक़ जन्मदिन बहुत मुबारक हो आपको @NomaanShauq sir 🎂💐❤️
ہم عجز سے پہنچے ہیں مقصود کی منزل کو گہہ خاک میں مل جاوے جو اس سے ملا چاہے हम इज्ज़ से पहुँचे हैं मक़्सूद की मंज़िल को गह ख़ाक में मिल जावे जो उस से मिला चाहे #MeerTaqiMeer ❤️
ये अलग बात कोई चाँद उभरता न हो अब दिल की बस्ती में मगर रात तो होती होगी धूप में कौन किसे याद किया करता है पर तेरे शहर में बरसात तो होती होगी ~ अमीर इमाम @ameerimam12 ❤️🎂
एक बरसात ध्यान में आई जो ये सीलन मकान में आई एक आवाज़ थी जिसे सुन कर ये ख़मोशी ज़बान में आई ज़ख़्म भरते चले गए सारे याद उभर कर निशान में आई ले के किरदार-ए-मरकज़ी इक दिन वो मिरी दास्तान में आई तीर का क्या निकल गया लेकिन वो जो जुंबिश कमान में आई #BhaskarShukla #Ghazal
कुछ रोज़ दिल-ओ-ज़ेहन पे तारी तो रहेगी देखी हैं वो आँखें सो ख़ुमारी तो रहेगी ~ भास्कर शुक्ला
शाम आई और कमरे में फ़राहम हो गए याद बेचैनी उदासी ग़म कसक तन्हाईयाँ ~ भास्कर शुक्ला
Thank you ma'am 😊🙏🏼
जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं, भास्कर 🌹
Bahut shukriya sir 😊🙏🏼
दिन विशेष की स्नेहिल शुभकामनाएँ प्रिय भाष्कर💐 महादेव कृपा बनाए रखें ! @imbhaskarshukla
Bahut shukriya bhaiya ❤️
@imbhaskarshukla जन्म दिन की अन्नत शुभकामनाएं भाई 🌺💐🎂
बहुत शुक्रिया भैया ❤️
@imbhaskarshukla ढेरों बधाइयाँ हैं, हो जन्मदिन मुबारक हर इक बरस तुम्हारा हो जाये सौ बरस का Happy birthday dear Wish you a happy healthy long and prosperous life ahead 🎂🎂🍰🍰💐💐
Bahut shukriya ❤️
तमाम उम्र वही दिन गुज़ारना है मुझे वो एक दिन जो तिरे साथ में गुज़ारा था #भास्कर_शुक्ला @imbhaskarshukla जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🎊 ईश्वर आपको स्वस्थ और मस्त रखे ♥️