Akhilesh Agrawal 🇮🇳🇮🇳
@Akhil1774
रोएँ न अभी अहल-ए-नज़र हाल पे मेरे,, होना है अभी मुझ को ख़राब और ज़ियादा!!
दिन पर दिन यादाश्त कमजोर होता जा रहा है... कुछ याद नहीं रहता कि कहां, क्या रखा है ? थोड़ी देर बाद मुझे क्या करना है ? किसको क्या कहना है ? काश ! कुछ यादों को भी भूल पाती ! जब उम्र के साथ यादें कमजोर पड़ रही हैं, तो फिर तहख़ाने में रखी सीलन भरी जर्जर यादें कैसे जीवित हैं ? 🦋
हक़ीक़त को तहजीब ही नहीं लोगों से पेश आने की, और एक फ़रेब है जो हर महफ़िल की शम्मा बन के बैठा है.....!!
उलझी हुई डोर को और भी उलझाते हुए... जीते हैं हम इक दूसरे से... कुछ छिपते हुए कुछ छिपाते हुए... #नीलम #डोर #छोटा_दरवाज़ा
bedad e ishq se nahin darta magar 'asad' jis dil pe naaz tha mujhe wo dil nahin raha /mirza ghalib
बुरे वक़्त में मैं ख़ुद से मिला अच्छे वक़्त में लोग मिलते रहे..!! #अज्ञात
बात ख़त्म करने के लिए बात करना ज़रूरी है... हर कहानी को आख़िरी पन्ने का हक़ होता है..!!
ऊँचे पर्वत से उतरी है प्यास बुझाने धरती की, अंगारों पर चलते-चलते जलधारा दम तोड़ न दे... #कुअँर_बेचैन #प्रकृति #लेखनी
प्रकृति में न तो पुरस्कार हैं और न ही दंड, होते हैं तो बस परिणाम। ~ रॉबर्ट ग्रीन इंगरसोल #प्रकृति #लेखनी
ये जोड़ लेते हैं तिनकों से किस तरह तिनके समझ सका न कोई भी हुनर परिंदों का... ~ अज़ीमुद्दीन साहिल साहिल कलमनूरी शुभ प्रभात 🙏
फूल की बेरूख़ी से तंग तितली, एक कांटे पे जा के बैठ गई... #विशाल_बाग़ @VishalBagh
समंदरों को सुनाओ नदी से बात करो किसी सराब से अपनी तलब नहीं कहना... #निर्मल_आर्या
तुम्हारे पास अगर रौशनी ज़ियादा है तो आसपास के बुझते दिये तलाश करो... #विनीत_आशना शुभ रात्रि 🙏
#चित्रपट : घर संसार (१९५८) ये हवा ये नदी का किनारा चाँद तारों का रंगीं इशारा कह रहा है बेख़बर हो सके तो प्यार कर ये समां मिलेगा फिर न दोबारा #मजरूह_सुल्तानपुरी संगीत : रवी गायक : मन्नाडे - आशा भोंसले राजेन्द्र कुमार - कुमकुम #लेखनी youtu.be/V8bt2nNAo8Q?si…
Oh.... बेवजह जज़्बातों को जगाते ही क्यूँ हो गर यकीं नहीं तो दिल लगाते ही क्यूँ हो जब आकर चले जाना फितरत में है तेरी तो बेवजह जिन्दगी में आते ही क्यूँ हो अपना नहीं सकते जिसे उम्रभर के लिए उसे जमाने से अपना बताते ही क्यूँ हो बेवजह जज़्बातों को जगाते ही क्यूँ हो.. #गुलजार
ये शहर है अमन का यहां की फ़िज़ा है निराली यहां पे सब शांति-शांति है यहां पे सब शांति-शांति है यहां पे सब शांति-शांति है #समीर
इस तस्वीर के अनुरूप यदि आप कुछ लिख सकें....
अश्क–ए–रवाॅं की नहर है और हम हैं दोस्तों... उस बेवफ़ा का शहर है और हम हैं दोस्तों...!! #मुनीर_नियाज़ी❤️
सब्र आ जाए इस की क्या उम्मीद मैं वही, दिल वही है तू है वही #जलील_मानिकपूरी🌸
ये ऊँचे पहाड़ों के मगरूर साये ये कहते हैं उनको नज़र तो मिलाये फ़रिश्ते भी हैं इस जगह, बेज़ुबां ये खामोशियाँ, ये तन्हाईयाँ... मोहब्बत की दुनिया है कितनी जवाँ..!!🎶 #लीला_नायडू (अभिनेत्री: 1940- 2009) #पुण्यतिथि #प्रकृति ☘️🌿 #लेखनी ✍️ 🎬 ये रास्ते हैं प्यार के (1963) 🖋️ राजेंद्र…
ज़ख़्म दिल के फिर हरे करने लगीं बदलियाँ बरखा रुतें पुरवाइयाँ 💚🦋 ~ कैफ़ भोपाली
तुम्हें ये ज़िद कि मैं ही इज़हार-ए-इश्क़ करूं मुझे ये डर कि तुम्हें कहीं खो न दूं -- फ़्लोरिड जमाल