Akhilesh Tiwari
@writerakhilesh
हटाओ साले को ... डिबेट में इस गद्दार को मत बुलाया करो चित्रा जी!
विशेष वर्ग से आने वाले अति पिछड़े लोग ?? इनकी टीम में आपको सामान्य आदमी नहीं मिलेगा। इनकी नीतियों और योजनाओं में सामान्य लोगों के लिए कोई जगह नहीं होती। क्योंकि इनकी नजर में सामान्य वर्ग के लोग न केवल अछूत होते हैं, बल्कि पैदाइशी अमीर भी होते हैं। इस देश का भगवान ही मालिक है।

अविवादित पोस्ट : देश की आधी से अधिक जनता में सोचने समझने की बुद्धि खत्म हो चुकी है। आधी से अधिक इसलिए क्योंकि 25 करोड़ बुल्ले पहले से रोबोट थे, जो सिर्फ एक पुस्तक के अनुसार चलते थे अब 25 करोड़ हिंदू भी ऐसे ही हो गए हैं।
पिछड़ा से अगड़ा बनने के इनसे पूछा जाना चाहिए कि अभी और कितना चाहिए इनको ??
ये सभी महानुभाव विशेष वर्ग से आते हैं, सामान्वर्ग से नहीं फिर भी इन वर्गों को अभी और चाहिए।
आज दो ब्राह्मण महान स्वतंत्रता सेनानियों का जन्म दिवस है पंडित बाल गंगा धर तिलक और चंद्रशेखर आज़ाद तिवारी जी का । ब्राह्मणों ने इस देश को सवतंत्रता दिलाई , संविधान दिया। लेकिन नीलचट्टे , ग्रीनचट्टे ब्राह्मणों को पूरे दिन गाली देते रहते हैं । ब्राह्मणों को कोसना बंद कीजिए ।
ये हैं हमारे स्वघोषित बहुजन👇 -सरकारी कागज़ों पर ख़ुद को शोषित-वंचित दिखाकर एडमिशन लेंगे -गरीब वंचितों के लिए बनी 35000₹/महीना सरकारी stipend लेंगे -फिर iPhone 15 pro खरीदकर अपनी शानोशौकत का प्रदर्शन करेंगे -और जनरल कैटेगरी के लोगों को चुनमंगा कहकर चिढाएंगे कोई इनको बताए- पीड़ा…
बहुत बड़ी खबर परमिंदर यादव का मार्क्स 32 और मेस बिल 18695 !😆😂 पहले ही मुझे लगा था इसका PHD कैसे हुआ होगा खैर बिल जमा हुआ या नहीं ये तो परमिंदर यादव सॉरी परमिंदर अम्बर बताएंगे । खैर पिछड़ों को आगे बढ़ते देखकर खुश होना चाहिए जलना नहीं चाहिए ।
देश में जातिवादी नफरत सिर्फ देश की संसद में बैठे हुए लोग फैला रहे हैं। 1931 की जनगणना में भारत में कुल 4,147 जातियां दर्ज की गई थीं 2011 की जनगणना के पश्चात देश में कुल जातियों की संख्या 46 लाख से भी अधिक बताई गई थी। आप खुद ही सोचिए की आजादी के बाद देश में जातियों की संख्या…
लड़का - मास्टर कहते हैं डो@.(दलित)के बच्चे हैं ये सारे बच्चों के साथ बैठकर नहीं पढ़ सकते ! पत्रकार - मास्टर कौन सी जाति का है । लड़का - च#§र (दलित )जाति से हैं मास्टर अंकुर मिश्रा - आरक्षण में वर्गीकरण कर दो SCST में उन्हीं जातियों को रखा जाए जो वंचित हैं इन सबकी अक्ल ठिकाने…
देशभर में अंबेडकर वादियों की संख्या मात्र 73 लाख है। मोदी जी इन्हीं 73 लाख लोगों को खुश करने के लिए देश की तीस पर्सेंट सामान्य आबादी को दरकिनार कर रहे हैं। उनकी संभावनाओं को लगातार बाधित कर रहे हैं।उनकी योग्यता, प्रतिभा और काबिलियत का गला घोट रहे हैं।

प्रोफेसर का हृदय परिवर्तन होते देख मैं अति प्रसन्न हूं।

बबुआ ने अपना रास्ता अलग करके अच्छा नहीं किया।अब बबुआ का भी वही हाल हो सकता है जो उनकी बुआ जी का हुआ है।

शोषितों का हक मारकर खा जाने वाले,पशुओं के हिस्से का चारा खा जाने वाले, अपने परिवार का राजनैतिक कुनबा बढ़ाने वाले,परिवार वाद की राजनीति करने वाले, सिर्फ अपने परिवार का उद्घार करने वालों को गरीबों का मसीहा कहा जाता है।

दलित के पास दलित होने का सरकारी प्रमाण पत्र है, OBC के पास पिछड़ने का सरकारी प्रमाण पत्र है, तो हमको भी ऊंची जाति का प्रमाण पत्र दो ...... और कारण बताओ कि " हम किससे ऊंचे हैं, कितने ऊंचे हैं, क्यों ऊंचे हैं ...... और कब तक ऊंचे रहेगें "
आंबेडकर 21 प्रतिज्ञाओं को ठेंगा दिखाकर वाल्मीकि समाज लगातार कांवड़ उठा रहा है। जय वाल्मीकि हर हर महादेव
भैया मेरे परिवार को बचा लेना - सवर्णों के प्रति भेदभाव शोषण की सीमा पार हो चुकी है। सवर्ण अगर बागी हुआ तो देश मे व्यवस्था चरमराजाएगी। कितनी पीड़ा मे इस भाई ने संपर्क किया। मेंने समझाया आपकॊ अपराध नहीं चुनना। परंतु प्रसाशन और समाज दोनों को मिलकर गलत को रोकना होगा। मैं ठाकुर हूँ…
शोषितों का हक मारकर खा जाने वाले। पशुओं के हिस्से का चारा खा जाने वाले। अपने परिवार का राजनैतिक कुनबा बढ़ाने वाले। परिवार वाद की राजनीति करने वाले, सिर्फ अपने परिवार का उद्घार करने वाले ईश्वर का अवतार नहीं हो सकते।
ये लोग धरती पर ईश्वर के अवतार हैँ, जैसे हज़रत मूसा को ईश्वर ने धरती पर अपने लोगों को गुलामी से मुक्त कराने के लिए भेजा था, वैसे ही ईश्वर ने इन लोगों को भी बहुजनों का उद्धार करने के लिए धरती पर भेजा,
RJD पार्टी MLA मुन्ना यादव कहते हैं: "बिहार की गद्दी पर जब भी कोई बैठेगा, बहुजन ही बैठेगा! ये लालू जी ने सुनिश्चित किया है! यहाँ मिश्रा, शर्मा, सिंह की औकात नहीं की वो सामने आएं, मटियापलीत कर दिया जाएगा" अब बताओ असल शोषित कौन और जातीय नफ़रत कौन फैलाता है?