Mrinal Pande
@MrinalPande1
Writer, Journalist
जिस राज्य ने लालू और कचालू देश को दिये , उस बिहार को सलूट 🫡!
बिहार का स्पेशल आलू का कचालू खाया है क्या आपने?
बिन जाटां, किसने पानीपत जित्ते ?
The Jats of Bharatpur looted Agra fort in the reign of Jahangir. They dug up Akbar's grave in Sikandra and burnt his bones. Had the Marathas heeded Raja Surajmal, the disaster of Panipat may have been avoided. It was the Ahir, Jat, Gujjar, Rajput combo of the Janata Dal which…
ते हि नो दिवसाः गताः।
वाह! इतना अद्भुत संस्मरण। इस कार्यक्रम के लिए मुझे आपका साक्षात्कार करना चाहिए था मृणाल जी।
"अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम्। परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्॥ आकाशात् पतितं तोयं यथा गच्छति सागरं। सर्व देव नमस्कारः केशवं प्रति गच्छति।। इसका मोटा मोटी अर्थ है कि परोपकार से बड़ा पुण्य नहीं है और परपीड़ा से बड़ा पाप नहीं है। जैसे आकाश से गिरता पानी सागर में ही जाता है…
जिम कॉर्बेट मेरे नाना के मित्र थे।जब गर्मियों में नाना सपरिवार पहाड़ आते तो जिम अपनी बहन के साथ मिलने आते थे ।उनकी बहन की एक आँख किसी स्नायु रोग के कारण मिचकती रहती थी जो घर के पुराने महाराज को असहज बनाता था। वे नानी से कहते कि गोरी मेम के आने पर बहूजी अपने सुंदर पति के साथ बैठें
एक निपुण शिकारी से वन संरक्षक बने जिम कॉर्बेट की सारी पुस्तकें उनके जीवन के आखिरी 11 वर्षों में ही प्रकाशित हुई और पूरी दुनिया में उत्कृष्ट गद्य की मिसाल बन गईं। कई बार लोगों के दिमाग में आशंका हुई कि क्या कॉर्बेट की कहानियां उन्हीं की लिखी हैं या उन्होंने किसी और से लिखवाई।…
माना हमने गलती की तुम्हें सर चढाया अपने कंधे बैठाया पर क्या करते? इसके सिवा चारा न था कोई दूसरा चमकीला तारा न था.. पर तुमने तो निगल लिया खुद को ही सूरज बनने की चाह में त्रिशंकु सूरज रहे न तारा अब क्या विचार है तुम्हारा? - नवनीत पाण्डे
शशि थरूर की एक पार्टी में ऐश्वर्या ने पूछा तो उन्होंने कहा! अगर कुछ बोलूंगा तो फस जाऊंगा" उस पार्टी में BJP के दो नेता और कांग्रेस पार्टी से एक नेता वहा पहुंचे थे! अब वह ना इधर हैं ना उधर हैं" वह चाहते हैं कांग्रेस उनको निकाले लेकिन कांग्रेस नहीं निकालेगी! ~ऐश्वर्या पालीवाल
सुंदर आलेख के लिये साधुवाद 🙏🏻
सुबह सुबह इतना सरस और पठनीय गद्य मिले तो क्या बात है। जानकारी से भरपूर। आपका होना हमारे लिए बड़ा सौभाग्य है। धन्यवाद @drsureshpant
फ़िल्म/टी.वी. या क्रिकेट के स्टार्स को चुनाव प्रचार करवा कर संसद भेजा जाने लगे तो मूल और सूद दोनों मोर्चों पर नुक़सान होता है !
The starkest evidence of India’s Test decline came with 0-3 to NZ at home. The Test team needs an entirely new management team. Gill is 25 and will evolve.
कहि रहीम कैसे निभै बेर- केर को संग, वे डोलत रस आपने, उनके फाटत अंग ॥
जिस सिंधिया की मर्जी के बिना कांग्रेस में पत्ता भी नहीं हिलता था, आज उसी सिंधिया के सारे पत्ते भाजपा में हिल रहे है। - जीतू पटवारी
जी आप सही हैं । 👍🏻 रो- रो ही होना चाहिए..😢
गुस्ताख माफ हो। रो-रो होना चाहिए। ऐसा हमे लगता है।
राजनीति से रजतपट तक रो रो कर प्रचार करने वाली रुदालियों की माँग बढ़ने के साथ उनकी आमदनी में भारी उछाल देखा जा रहा है ।
ये मूवी टोटल PR पर खड़ी है मैं ख़ुद देख कर आया हूँ मेरे थिएटर में कोई रोया नहीं , फ़र्ज़ी हाइप बनाई हुई है बकवास फ़िल्म है , दोनों की एक्टिंग अच्छी है पर मूवी में कुछ नहीं है .
न नौ तेल के कुँए मिलेंगे, न गुरुजी राधा जैसे नाचेंगे 😂
गुरु जी ने शेखों से कहा कि हम पर्ची निकाल कर बता सकते हैं कि कौनसे कुएं से तेल निकलेगा। इस पर शेखों ने जवाब दिया कि तेल तो हमारे पास बहुत है, आप बस नया कुंआ दिखाओ।
नज़रें चली गईं तो नज़ारे चले गये..
वे पहले नज़रों में क़ैद थे ! फिर नज़रों से गिर गए ! अब चर्चे हैं कि नज़रबंद हैं ! कोई बतलाए कि वे बतलाएँ क्या ?
है दुनियां जिसका नाम मियां, यह और तरह की बस्ती है। जो महंगों को तो महंगी है, और सस्तों को यह सस्ती है। यां हर दम झगड़े उठते हैं, हर आन अदालत बस्ती है। गर मस्त करे तो मस्ती है, और पस्त करे तो पस्ती है। इस हाथ करो उस हाथ मिले, यां सौदा दस्त ब दस्ती(हाथों हाथ)है । - नज़ीर
अंधभक्त मालदीव का बायकॉट करते रह गए और साहेब वहां की सैर पर निकले हुए हैं ~ बहुत जुल्म है भक्तों पर 😷👎
धनवंती को ठोकर लगी, दौडे लोग हज़ार ।
एक छुटभैया भाजपाई चोट-चोट चिल्ला कर जबरन हॉस्पिटल में भर्ती हो जाता है। उसको देखने मंत्री-संत्री पहुंच जाते हैं। प्रधानमंत्री खुद फोन करके हालचाल लेते हैं। दूसरे उच्च पद पर विराजमान भाजपाई स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे देते हैं। उनके पास कोई छुटभैया भाजपा नेता भी नहीं जा रहा…
चेचक और हैजे से मरती हैं बस्तियाँ कैंसर से हस्तियाँ वकील रक्तचाप से कोई नहीं मरता अपने-पाप से - श्रीकांत वर्मा
पुलों और सड़कों को तबाह होने दीजिए ! कम से कम बच्चों के सरकारी स्कूलों की छतें तो संसद और विधानसभा भवनों की तरह बनाई ही जा सकती है ! वे तो कभी गिरतीं नहीं ! सिर्फ़ हुकूमतें ही गिरतीं हैं।
संस्कृत व्याकरण से ही हिंदी भाषा का बुनियादी ढाँचा बना है। लेखकों के लिये वे दोनों एक दूसरे की पूरक हैं। भाषा का प्रयोग सही है या ग़लत उसकी कसौटी व्याकरण ही है। ।
हिंदी में लिखती हें और उदाहरण व्याकरण का देती हें
इतिहास का घटनाक्रम मानव जीवन की तरह ही हमेशा अपूर्ण रहता है । किसी बड़ी घटना का फ़ौरी विवरण मिल सकता है लेकिन उसका असली मतलब और असर सामने आने में सदी भी गुज़र सकती है। पु. तुष्टीकरण में बड़ी ई की मात्रा लगती है ।
"यदि अपूर्ण है, तो वह इतिहास नहीं हो सकता..." मुगलों का महिमामंडन और भारत के महान शासकों के प्रति उदासीनता, कहीं न कहीं तुष्टिकरण को बढ़ावा देने जैसा ही रहा है।
हे वैशाखनंदन! पाण्डे उपनाम में में ण में हलंत लगता है , प में नहीं !
ठीक है, प्आंडे जी |