Ajai Singh Yadav ( Il mostro)
@the_Atharva
कहते हैं अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता गलत..... अगर वो चना हम हैं........ भाड़ के चीथड़े उड़ा डालेंगे
पाकिस्तान के क़्वेटा में ISI के मेजर अनवर खान बीच सड़क स्टिकी बम का इस्तेमाल कर निपटा दिए "अज्ञात लोग्स" ने
हंगामे मुझे बिलकुल पसंद नहीं... और जो सड़कों पर कांवड़ के साथ का DJ कल्चर है सत्य यही है निहायत ही फूहड़ लगता है... यातायात का अवरुद्ध होना... रास्ते की दुर्घटना.. कावडियों के उत्पात... मुझे दूर दूर तक नहीं सुहाते... और इसी लिए इससे जुडी किसी गतिविधि का कभी भाग नहीं बनता.....…
#राष्ट्रवाद_की_पाठशाला #RatanRanjan #NayakRagini x.com/i/spaces/1YpKk…
ख़ुफ़िया एजेंसियों की इसी तत्परता की बदौलत आज यह नहीं सुनने को मिलता है कि ’अनजान बैग,अटैची मत छूना, विस्फोटक हो सकता है’? अगर मोदी सरकार को जनता न चुनती तो पता नहीं कोई सुरक्षित रह पाता भी कि नहीं?
पहली चीज वहाँ स्त्री का दर्ज़ा क्या है पता होना चाहिए था दूसरी चाहे जितने सगे बन लो..... रहोगे क़ाफर ही!
"भोंक लें".... विरोध के लिए शब्द प्रयुक्त हुआ है खैर एक अनपढ़ माँ और सजायाफ्ता चोर बाप की 9वीं फ़ैल औलाद से और उम्मीद ही क्या की जा सकती है

पहले कई FIR करवाई कांग्रेस ने एक हास्य कलाकार पर अपने मंदबुद्धि नेता पर टिप्पणी के चलते लेकिन जब वहाँ भी न्यायलय ने फटकार लगा दी तो जो कोंग्रेसी और सपाई का मूल चरित्र होता है यानी गुंडई.... उसपर उतर आये @RatanRanjan_ भाई के अपहरण का प्रयत्न किया गया जब असफल हुए तो उनपर गाड़ी…
पहचान सिर्फ चेहरे, रेटीना, फिंगर प्रिंट भर से नहीं होती 😁
काँवड़ लेने मत जाना... गांव पै दीप जलाना फलाना काँवड़ लेने गया क्या तमाम बकवाश सुनी होगी अब जरा ताई की सुन लो...
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मुख़्तार अंसारी के चिचा जान हामिद अंसारी सदन की कार्यवाही को ताक पर रख रोज 12 बजे नमाज पढ़ने निकल लेते ये थी उनकी नज़र में उपराष्ट्रपति पद की गरिमा खैर फिर बहन जी ने एक दिन झांकी बना दी 😁
हम पहली बार तेज़स्वी से पूर्ण सहमत हूँ का करना है ऐसा इलेक्शन लड़ के चोरी चकारी की सिराज़ बेग़ साहिब की कमाई बर्बाद हो लेगी... बहिष्कार करो... शाबास
पहली तश्वीर में अल क़ायदा से जुड़े ये चार आतंकी... गुजरात ATS ने पकडे... कई सोशल मीडिया अकाउंट थे इनके हिन्दू नाम से भी.... देश और सनातन विरुद्ध पोस्ट करते थे इसके साथ आकाओं के हुक्म पर आगे की एक्शन को तैयार बैठे थे.. ऑपरेशन सिंदूर के समय से इनपर नज़र थी... धर लिए गए दूसरी…


अनिरुद्धचार्य कोई सवालों से परे नहीं वे धर्मचार्य या संत भी नहीं कथावाचक हैं पर सवाल अलग है अखिलेश यादव का जो लहज़ा "हमसे बहस मत करो.... हमारा रास्ता अलग.... आज के बाद सूद्र मत बोलना" एक हिन्दू कथावाचक के साथ जो लहज़ा है क्या अखिलेश वही लहज़ा किसी मौलाना के साथ रख सकते हैं...…

उम्र का तकाज़ा है वर्ना... वर्ना कभी "में तुलसी तेरे आंगन की" जैसी पारिवारिक फिल्मों में "नथुनियाँ जो डाली गज़ब हो गया" टाइप मुज़रे अनुराधा जी गाया करती थीं उदाहरण इससे भी कहीं आगे के हैं पर उम्र का तक़ाज़ा है!
