Pravin Patel
@patelprevin74
कभी कभी युं ही चले आया करो दिल की दहलीज पर अच्छा लगता है युं तन्हाइयों में तूम्हारा दस्तक देना शुभ संध्या

कभी किसी की आंखों में झांक कर देखो सारे जवाब मिल जाएंगे दिल से चाहने वाले लफ़्ज़ों में नहीं खामोशीयो में जीते है जय श्री राधे कृष्ण शुभ संध्या

कितनी भी अच्छी खुश्बू हो लगातार आती रहे तो महत्व कम हो जाता है खुशनूमा मौजुदगी बोझ बनें उसके पहलेअलविदाकहदे शुभ दोपहर

मन तो भिखारी हैं मांग ना इसका धंधा है लेकिन मन जब फकिर बन जाता है तो उसकी नजरें जहां भी पड़ती वहां सारी कायनात सजदा करती है हर हर महादेव जय भोलेनाथ शुभ दोपहर

जिन्हें महसुस इंशानो के रंजो - गम नहीं होते वो इंशान भी हरगीज पत्थरों से कम नहीं होते ऊं नमः शिवाय जय भोलेनाथ

आदमी साधनो से नहीं। साधना से महान बनता है भवनों से नहीं भावना से महान बनता है उच्चारण से नहीं उच्च आचरण से महान बनता है जय श्री राम जय श्री कृष्ण सु प्रभात

वंदे शंभु उमापति सुर गुरु वंदे जगत कार्णाय वंदे पन्नग भुषणम मृगधरम वंदे पशुनामपतिम वंदे सुर्य शंशाक वहनी नयनं वंदे मुकुंदम प़ियम वंदे भक्तजनाश्रयम च वरदम वंदे शीवम शंकरम श्रावण के प्रथम सोमवार की हार्दिक शुभकामना ऊं नमः शिवाय

उतना प्रेम कभी नहीं मिल सकता जित ने की चाह हैं मगर इतना प्रेम हमेशा दिया जा सकता हैं जित ने कि चाह हैं जय श्री राधे कृष्ण शुभ संध्या वंदन

धरती का कागज करु कलम करु वनराई सात समंदर की स्याही करु तो य हरी गुन लिखो न जाई जय श्री कृष्ण शुभ संध्या वंदन

दुआ है उसे कंही चोट ना लगे मेरा यार गिरा है मेरी नजरों से शुभ दोपहर

मौन प्रेम की भाषा बखुबी जानता है क्योंकि यही तो अद्भुत सौंदर्य है प्रेम का शुभ दोपहर

लोग पुछते है तुम क्यु अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते हमने कहा लफ़्ज़ों में बयां हो जाए सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते शुभ दोपहर

चलो आओ कायनात बांट लेते हैं तूम मेरे बाकि सब तुम्हारा शुभ दोपहर
