The Muslim
@TheMuslim786
Muslim Activist لَا إِلٰهَ إِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌ رَسُولُ اللّٰهِ
मुझे भूख लगी है, प्लेट में रेत के अलावा कुछ नहीं है, प्लेट में खाना नहीं है बाबा, मुझे भूख लगी है... गाजा के बच्चे भूख से रो रहे हैं,उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है।
विदेशी कार्यकर्ताओं ने समुद्र में प्रवेश किया और चावल से भरी बड़ी बोतलें खुले पानी में फेंक दीं, इस उम्मीद में कि वे गाजा तक पहुंच जाएंगे - फिर वे अपने देशों को लौट गए।
मिस्र का एक शख़्स खाने से भरी प्लास्टिक की बोतलें समुद्र में फेंक रहा है, उम्मीद है कि वे ग़ज़्ज़ा पहुँच जाएँ। वह हर बोतल के साथ माफ़ी माँगता है और अल्लाह से दुआ करता है कि ये मदद अपनी मंज़िल तक पहुँचे।
एक फ़िलिस्तीनी महिला ने अमेरिकी सैनिकों द्वारा की गई क्रूरता के बारे में बताया। जब हम सहायता राशि एकत्र कर रहे थे, उस वक़्त अमेरिकी सैनिकों ने हमारे साथ बर्बरता की। हमें ना सिर्फ़ मारा-पीटा गया, बल्कि अपमानित भी किया गया — इंसानियत को कुचला गया।
"मैं हर मुसलमान से बस यही कहना चाहती हूं... जब गाजा में बच्चे भूख से मर रहे हों तो आप रात में कैसे सो सकते हैं? अरब देश कहा है?" लेबनान के बेरूत में एक प्रदर्शनकारी ने गाजा में चल रहे नरसंहार के बारे में एक पत्रकार से भावुकतापूर्वक बात की।
लोकेशन : चंडीगढ़ दिनांक : 19 जुलाई गौ रक्षा दल के सदस्यों ने मांस ले जा रहे एक मुस्लिम व्यक्ति और उसकी बेटी को रोका और आरोप लगाया कि वे अवैध रूप से गोमांस की आपूर्ति कर रहे हैं और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
गाज़ा में ज़िंदा रहने की जंग अब 'स्क्विड गेम' जैसी बन गई है। खाना लेने जाते नागरिकों को इज़राइली सैनिक जानबूझकर निशाना बनाते हैं जहां मानवीय सहायता मौत का जाल बन चुकी है इस रणनीति की तुलना नेटफ्लिक्स सीरीज़ 'स्क्विड गेम' के "रेड लाइट, ग्रीन लाइट" गेम से की गई है।
मिस्र-फिलिस्तीनी सीमा के पास शेख ज़ुवेद का एक परिवार बोतलों में चावल, दाल और फलियाँ भरकर उन्हें समुद्र में फेंक देता है, इस उम्मीद में कि पानी उन्हें गाजा के तट तक ले जाएगा और भूख से तड़प रहे लोगों तक पहुँच जाएगा। इस परिवार ने दर्द महसूस किया और किसी का इंतज़ार नहीं किया।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय प्राधिकारियों ने हाल के सप्ताहों में सैकड़ों जातीय बंगाली मुसलमानों को - जिनमें से कई सीमावर्ती राज्यों के भारतीय नागरिक हैं - बिना किसी उचित प्रक्रिया के, जबरन बांग्लादेश भेज दिया है और उन्हें "अवैध आप्रवासी" करार दिया है...

“वतु इज़्ज़ु मन'तशा, वतु ज़िल्लु मन'तशा” कांवड़ यात्रा के दौरान जुम्मन जलील होता हुआ… जुम्मन द्वारा कांवड़ियों को पानी और जूस पेश किया, लेकिन उनकी पहचान देखकर कांवड़ियों ने लेने से साफ इनकार कर दिया...
एहतेशाम सिद्दीकी के 19 साल की भरपाई कौन करेगा जिन्हें झूठे आरोपों में जेल में सड़ाया गया। जौनपुर के नौजवान को मुंबई बम धमाकों में फँसाया गया, 2015 में मौत की सज़ा मिली, अब 2025 में हाई कोर्ट ने बरी किया — कहा, “ये विश्वास करना मुश्किल है कि आरोपियों ने यह अपराध किया है।”
मस्जिद को अवैध बताकर शहीद कर दिया गया लेकिन ठीक सामने बना अवैध मंदिर आज भी सलामत खड़ा है यही तो संवैधानिक सिस्टम की खूबसूरती है लेकिन इसे बया कौन करे...
बेहद दर्दनाक। फुटेज में दिखाया गया है कि इजराइली सैनिकों द्वारा ड्रोन का उपयोग करके गाजा में पानी के लिए निकले एक फिलिस्तीनी बच्चे और एक महिला को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
मुसलमानों के खिलाफ संवैधानिक सिस्टम द्वारा गढ़ी गई थ्योरी और 19 साल बाद 7/11 मुंबई ब्लास्ट केस में बरी हुए अब्दुल वाहिद के द्वारा बताई गई आपबीती समझिए...