Raaggiri रागगीरी
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भारतीय संगीत के प्रचार प्रसार से जुड़ा रजिस्टर्ड NGO।स्कूली बच्चों में संगीत की जागरूकता के लिए ‘सुनेंगे तभी तो सीखेंगे’ अभियान। संपर्क [email protected]
राग यमन की बड़ी पुरानी और लोकप्रिय बंदिश है-सखी ऐ री आ ली पिया बिन… पंडित राजन साजन मिश्र से सुनिए। राग यमन शास्त्रीय संगीत के छात्रों को शुरुआत में ही सिखाया जाता है। लेकिन इतना खूबसूरत राग है कि कलाकारों के साथ जीवन भर रहता है। #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @KapilSharmaK9
“हम ऊपरवाले के पास अलग तरह से पहुंचते हैं।एक संगीतकार संगीत सीख सकता है, खूबसूरती से उसे पेश कर सकता है। लेकिन,जब तक उसका संगीत धर्म से नहीं मिलेगा,खुदा के पास नहीं पहुंचेगा। उसकी कला का कोई असर नहीं होगा। वो समंदर में होगा लेकिन पवित्र नहीं होगा” #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka
रामानंद सागर को अमूमन ऐतिहासिक सीरियल ‘रामायण’ के लिए याद किया जाता है।लेकिन उन्होंने राजकुमार जैसी कई सुपरहिट फिल्में भी लिखीं।इस फिल्म में संगीत शंकर जयकिशन का था।बोल हसरत जयपुरी और रफ़ी साहब-सुमन कल्याणपुर की गायकी #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @bindasbhidu @BajpayeeManoj
उस्ताद राशिद ख़ान और हरिहरन में एक ख़ास कड़ी हैं उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफ़ा ख़ान। उस्ताद राशिद ख़ान की शुरूआती तालीम उन्हीं के पास हुई। हरिहरन ने तो काफ़ी समय उनसे सीखा। फिर ये ठुमरी तो ऐसी है जो संगीत प्रेमियों की जुबां पर रहती है। #Raaggiri @YRDeshmukh @SingerHariharan @hvgoenka
जितना लोकप्रिय राग बिहाग है उतनी ही लोकप्रिय ये रचना- लट उलझी सुलझा जा बालम। सोने पर सुहागा जब प्रस्तुति उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली खान की हो। जिनकी गायकी का अंदाज निराला है।क्या ख़ूबसूरत रचना है-हाथन मेहंदी लगी मोरे बालम। #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @MadhuriDixit @bindasbhidu
बनारसी ठुमरी दादरा की लुभावनी गायकी के लिए रसूलन बाई का जोड़ नहीं।बचपन में बहुत ग़रीबी थी। कहते हैं कि उन्हें उस्ताद शम्मू खां को सौंप दिया गया था।खां साहब ने उस बच्ची को बड़े जतन से सीखाया। बाद में वही रसूलन बाई बनीं। #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @MadhuriDixit @AzmiShabana
रहना नहिं देस बिराना है। यह संसार कागद की पुड़िया,बूँद पड़े घुल जाना है। यह संसार काँट की बाड़ी,उलझ-पुलझ मरि जाना है। यह संसार झाड़ औ झाँखर,आग लगे बरि जाना है। कहत कबीर सुनो भाई साधो,सतगुरु नाम ठिकाना है - किशोरी ताई की अप्रतिम प्रस्तुति सौ- @DDNational @YRDeshmukh @hvgoenka
साहिर के बोल और जयदेव के संगीत में रफी साहब-आशा जी ने ये गाना गाया था। 6 दशक बीत जाने के बाद भी इसे लोग गाते-गुनगुनाते हैं। राहुल देशपांडे अद्भुत कलाकार हैं। पंडित वसंतराव देशपांडे की परंपरा और संस्कार हैं।पंडित कुमार गंधर्व को आत्मसात किया है। #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka
डॉ. राही मासूम रज़ा बड़े लेखक थे। आधा गाँव, टोपी शुक्ला जैसी दर्जनों रचनाएं…नीम का पेड़, महाभारत जैसे सीरियल, तमाम हिट फ़िल्मों के डायलॉग उन्होंने लिखे। गीत कम ही लिखे,लेकिन एक गीत ऐसा लिखा जिसे जगजीत जी की गायकी ने अमर कर दिया। #Raaggiri सौ @DDNational @YRDeshmukh @hvgoenka
बनारस साहित्य, संगीत, संस्कृति का अद्भुत शहर है। इस शहर ने उस्ताद बिस्मिल्ला खान और गिरिजा देवी जी जैसे कई विलक्षण कलाकार दिए।इन दोनों कलाकारों की जुगलबंदी में चैती सुनिए-चढ़ल चैत चित लागे ना रामा बाबा के भवनवा #Raaagiri @PMOIndia @hemantsharma360 @YRDeshmukh @hvgoenka @sumrag
पद्मविभूषण डॉ. एम बालामुरलीकृष्णा महान कलाकार थे।माता-पिता दोनों संगीत संस्कारों वाले थे।लेकिन बचपन में ही माँ का निधन हो गया।पिता ने पाला-पोसा। संगीत शिक्षा दिलाई। डॉ. बालामुरलीकृष्णा तीनों सप्तकों की गायकी के महारथी बने। #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @BajpayeeManoj @sumrag
उस्ताद अहमद जान के परिवार में सारंगी की परंपरा थी। मन तबले में लगा।पिता मुंबई लाए,तबला उस्ताद मुनीर ख़ाँ को सौंपा।12 साल की उम्र से तबला सीखना शुरू। कहते हैं उँगलियाँ तेज़ चलती थीं,शरारती थे तो गुरु के पिता ने ‘थिरकवा’ जोड़ दिया सौ- @Films_Division #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka
शास्त्रीय-उप शास्त्रीय संगीत में कुछ रचनाएं इतनी लोकप्रिय हुईं कि उन्हें कई कलाकारों ने गाया बजाया। ‘बाजूबंद खुल खुल जाए’ को भी कलाकारों से खूब प्यार मिला। फरीदा खानम जी की आवाज़ में इसी ठुमरी को सुनिए। #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @KapilSharmaK9 @MadhuriDixit @nanagpatekar
आज सावन का पहला सोमवार है। देश भर में शिवालय सजे धजे हैं। भोलेनाथ के जलाभिषेक की तैयारी है। रह-रहकर हो रही बारिश भी मौसम को सुहाना बना रही है। ऐसे में राग मेघ सुनने का अलग ही आनंद है।पंडित संजीव अभ्यंकर #Raaggiri #sawan #Raagmegh @YRDeshmukh @hvgoenka @saurabhtop @BajpayeeManoj
उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली खान फ़िल्मों में नहीं गाते थे।ये बात लोग जानते भी थे। उसी दौर में के आसिफ़ मुगल-ए-आज़म बना रहे थे।संगीत नौशाद साहब का था। इस फ़िल्म के लिए ख़ान साहब ने गाया। इसका क़िस्सा बहुत सुना-सुनाया जाता है।आप भी सुनिए #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @nanagpatekar
लता जी के गाए गाने को अपना बना कर निभाना बहुत मुश्किल है। हरिहरन जी लाजवाब गायक हैं। उन्होंने इस गाने के साथ यही किया है-60 साल से भी पुराने गाने में ताजगी। शैलेंद्र की कलम, सलिल दा का संगीत- ओ सजना बरखा बहार आई। #Raaggiri @SingerHariharan @YRDeshmukh @hvgoenka @BajpayeeManoj
पंडित जितेंद्र अभिषेकी ने संत कबीर ज्ञानेश्वर से लेकर कबीर-नानक तक सभी की रचनाओं को गाया। 100 से ज्यादा बंदिशों की कंपोजीशन तैयार की। उन्होंने दर्जनों नाटकों के लिए संगीत तैयार किया। पंडित जी अपनी संपूर्णता, सादगी और साधना के लिए जाने गए। #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @sumrag
पंडित संजीव अभ्यंकर अद्भुत कलाकार हैं। मृदुभाषी, सहज,सरल व्यक्तित्व के हैं। बचपन में ही पंडित जसराज जी का आशीर्वाद मिला। लंबे समय तक उनके साथ रहकर सीखने का सौभाग्य मिला। साधना और समर्पण उनके एक एक सुर में है।सुनिए राग यमन की कहानी #Raaggiri @YRDeshmukh @hvgoenka @BajpayeeManoj
उस्ताद मेहदी हसन,कहते हैं कि वो अपने परिवार की 16वीं पीढ़ी के कलाकार थे।अब्बा-चाचा ध्रुपद गाते थे। इस वीडियो में कई दशक तक चमकते रहे कलाकारों की याद ताजा हो जाएगी।साथ ही याद आएंगे शायर अहमद फ़राज़। सौ- @ZeeTV #Raaggiri @subhashchandra @YRDeshmukh @hvgoenka @bindasbhidu @sumrag