खुरापात
@KHURAPATT
| पार्ट-टाइम खुरपेंची, फुल-टाइम खुराफ़ाती | दुनिया बचाने आया हूँ, एक-एक ताना मारते हुए | दुनिया पर राज करने का प्लान अभी बना रहा हूं |
बैंक मैनेजर की हिम्मत कैसे हुई हिंदी में बोलने की , तुरंत इस पर रासुका लगा कर जेल में डाल देना चाहिए। सरकार को चाहिए कि ऐसे हिंदी बोलने वालो पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दे ।
काश ऐसे ही मजबूत इस देश के सरकारी स्कूल और पुल भी होते । शायद दुकानदार ने बिना किसी को कमीशन दिए बनवाया होगा ।
वोट के लिए धर्म-जाति में फंसी जनता, और सड़कों पर दम तोड़ती बेटियाँ- यही है भारत महान। लड़की को फेंक दिया गया जैसे वो इंसान नहीं, और सिस्टम ने आँखें मूँद लीं जैसे कुछ हुआ ही नहीं। ये देश बलात्कार पर बहस नहीं करता, यहाँ निर्भया दोहराई जाती है और नेता चुनावी रैलियाँ करते हैं।

मौलाना हो या महाराज, मजार हो या मंच- जहां भी अंधभक्ति का धंधा चलेगा, खुरपेंच वहां खड़ा मिलेगा। क्योंकि… ना मजार को बख्शेंगे, ना महंत को, ना बाबा के ढोंग को छोड़ेंगे, ना पीर के चढ़ावे को। सवाल वहां होगा — ◆ जहां चंदे से गाड़ी खरीदी जाए, ◆ जहां चमत्कार के नाम पर चालबाज़ी हो,…

सरकारी स्कूल के शौचालय में दरवाज़ा नहीं है, लेकिन मंत्री जी के आवास में सेंसर वाले नल लग रहे हैं।
खुरपेंच सवाल करे तो ‘अब्दुल’, बाबा कुछ भी बोले तो ‘चमत्कार’? इतनी नाज़ुक है तुम्हारी आस्था? कि सवाल से ही इस्लाम नज़र आने लगे? और रही बात — खुरपेंच मुस्लिम है या हिंदू? तो भाई, बैठ कर शास्त्रों पर चर्चा कर लो, 5 मिनट में तुम्हारी पेंट में चिरक पड़ जाएगी। क्योंकि तुमने सिर्फ…
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बीमारों को अस्पताल नहीं, दरिंदों की ड्यूटी मिलती है… क्योंकि इस देश में एम्बुलेंस वैन भी ‘रेप सीन’ बन चुकी है। 📍गया, बिहार ।
शुक्र मनाओ छत अकेले गिरी… अगर बच्चे होते तो अभी तक मुआवज़े का रेट तय हो रहा होता।
झालावाड़ में मातम है और जिम्मेदार चुप हैं। कहीं दीवारें गिरती हैं, कहीं सिस्टम लाचार है। कहीं मुआवज़ा है, कहीं खामोशी - पर एक चीज़ हर कोने में ज़िंदा है: भ्रष्टाचार। पीपलोदी के 6 मासूमों की चिताओं में सिर्फ़ लकड़ियाँ नहीं जलीं…जला है इस देश का भविष्य।
नहीं मंत्री जी आप जिम्मेदार नहीं है, वो शिक्षक ही जिम्मेदार थे जिन्हें निलंबिंत कर दिया गया है , अगर आप जिम्मेदार होते तो अब तक इस्तीफ़ा दे चुके होते । मैं तो कह रहा हूँ मिड डे मील बनाने वाली महिला की भी नौकरी ले ली जाये
सरकारी स्कूलों की छत से पानी चू रहा है, शिक्षा मंत्री जी के दफ्तर में इटैलियन मार्बल और फ़ॉलसीलिंग लगी हुई है ।
बच्चे अपने खिलौनों को सहेज कर रखते हैं… उन्हें गिरने से बचाते हैं, टूटने पर रोते हैं… और हमने क्या किया? हमने उनके सपनों की दीवारें गिरने दीं, स्कूल की छतें गिरने दीं, और ज़िंदगियाँ मलबे में दफ़न होने दीं। ना समय पर मरम्मत हुई, ना किसी की जवाबदेही तय हुई, बस एक औपचारिक दुख…
सरकारी स्कूल की दीवारें गिर रहीं हैं, लेकिन डीएम आफिस के लिए फाल्ससीलिंग का टेंडर पास हो रहा है।
Sitapur CHC में मां और नवजात को ‘ज़मीन से जोड़ने’ की अद्भुत सरकारी योजना जारी है। बेड की जगह भावनात्मक लगाव, सुविधाओं की जगह आत्मनिर्भरता — यही है New India ki Janani Suraksha 🌟
🧵🔗चलिए एक जनता की चुनौती शुरू करते हैं, अपने जिले के सरकारी अस्पताल और गांव के सरकारी स्कूल की तस्वीर पोस्ट कीजिए 📸 और सिर्फ इतना लिखिए — #YeThikKarkeDikhao नेता, अफसर, सरपंच — अब जवाब देंगे। थ्रेड 🧵
पहलगाम में धर्म पूछकर गोली मारने वाले, और स्कूल की छत गिराने तक पैसे खाने वाले - दोनों ही इंसानियत के कातिल हैं। एक गोली से मारता है, दूसरा सिस्टम के ज़हर से। इनमें फर्क सिर्फ हथियार का है, नीयत एक जैसी है — मौत बाँटना।