बिट्टी
@Bitti_witty
शृणुश्व विश्वे अमृतस्य पुत्राः आ ये धामानि दिव्यानि तस्थु: वेदाहमेतं पुरुषं महान्तम् आदित्यवर्ण तमसः परस्तात् तमेव विदित्वातिमृत्युमेति नान्यः पंथा विद्यतेऽयनाय
इस कथा सरिता में गद्य और पद्य दोनों का आनंद लेने के लिए हमसे जुड़े रहें और नई नई कथाओं का आनंद लेते रहें 🙏
शिव और शक्ति संध्या मे त्रिपुर सुंदरी की प्रसन्नता हेतु विभिन्न प्रसंगों को गा,शरीर और मुद्राओं से व्यक्त करने लगे। शिव की मुद्राएं जहा"तंडुल"यानी स्फूर्त थी वहीं पार्वती की कोमल और लयबद्ध! इसने प्रकृति को लक्षणों से भर दिया!नटराज की आता भुजाए नृत्य के समय शिव की फुर्ती दिखाती है
🚨🇮🇳🇵🇰 FROM CAPTIVITY TO NATIONAL HERO: STORY OF FLIGHT LIEUTENANT NACHIKETA IAF pilot Nachiketa’s MiG-27 was hit over Kargil’s Batalik sector. He ejected. Survived. Captured by Pakistani troops. Tortured. 8 days later, he returned — a national hero. Here’s the gripping…
धधक धधक के अग्नि फिर माँगती है घृत सुधा रागिनी के गान से मिटती कब भला क्षुधा वसंत आते जाते हैं मल्हार गीत गाते हैं पत्र टूटे वृक्ष से तो कब वो प्राण पाते हैं क्षीण से प्रकाश से क्षणिक सी भग्न श्वास से जर्जरा गया है मन नयी प्रभात आस से #fictionhindi
हिमकणों की मार से जो पत्रदल बिछड़ चलें तो धैर्य धरो वनप्रिया ये मास भी विगत रहे शिशिर का शीत जाएगा नया प्रभात आएगा तुम्हारे गीत के लिए बस़ंत लौट आएगा
प्रशस्त लक्ष्य है परंतु कंटकीर्ण मार्ग है विविध प्रपंच हैं सुलगती पेट की भी आग है विचार हैं तरस रहे जो शब्दरूपी देह को भाव हैं सिसक रहे जो गीतरूपी गेह को हत स्वरों से कोकिला क्या कंठ राग गायेगी मेघ घिर रहे हैं फिर क्या रससुधा भी आयेगी #fictionhindi
प्रशस्त लक्ष्य से मिटेंगी दूरियां कभी सही जुड़ेगी टूटती कड़ी ले शब्द की सघन घड़ी शब्द में विचार में नवीनता भी आएगी सृजन की मेखला स्वयं नवीनता भी लाएगी हृदय की भावभूमि में स्नेहबिंदु सिक्त हों मौन की पुकार को मुखर बनाते गीत हों
इतिहास गवाह है संस्कृति को जितना स्त्रियों ने सहज कर रखा है उतना पुरुषों ने नहीं, मैंने साड़ी पहनकर ऑफिस जाती स्त्रियां देखी है, लेकिन लुंगी और कुर्ता पहनकर जाने वाले पुरुष अब तक नहीं देखा😷
गीत, जो मैया के अंचल में है लोरी गूंजती l गीत के ही संग बिरहिन चाक पर हैं ऊंघती।
गीत, जो कर्तव्य पथ में मेह-ताप सह सकें, गीत, जो शूरता बनकर लहू में बह सकें l गीत, जिनसे हट सके झूठ के आवरण हों, गीत, जिनके बोल से जनता का जागरण हो l गीत, जिनकी धुन पर कन्हैया भी नाचते हों, गीत, जिनसे बंधकर, देव सोते जागते हों l
गीत, जो कर्तव्य पथ में मेह-ताप सह सकें, गीत, जो शूरता बनकर लहू में बह सकें l गीत, जिनसे हट सके झूठ के आवरण हों, गीत, जिनके बोल से जनता का जागरण हो l गीत, जिनकी धुन पर कन्हैया भी नाचते हों, गीत, जिनसे बंधकर, देव सोते जागते हों l
प्रशस्त लक्ष्य से मिटेंगी दूरियां कभी सही जुड़ेगी टूटती कड़ी ले शब्द की सघन घड़ी शब्द में विचार में नवीनता भी आएगी सृजन की मेखला स्वयं नवीनता भी लाएगी हृदय की भावभूमि में स्नेहबिंदु सिक्त हों मौन की पुकार को मुखर बनाते गीत हों
प्रशस्त लक्ष्य से मिटेंगी दूरियां कभी सही जुड़ेगी टूटती कड़ी ले शब्द की सघन घड़ी शब्द में विचार में नवीनता भी आएगी सृजन की मेखला स्वयं नवीनता भी लाएगी हृदय की भावभूमि में स्नेहबिंदु सिक्त हों मौन की पुकार को मुखर बनाते गीत हों
प्रशस्त कल्पित पथ से दूरियाँ अपार है, टूटती है हर कड़ी, न शब्द में झंकार है l शब्द में, विचार में, वाक्य के प्रकार में, हो रही है न्यूनता सृजन के विस्तार में l ना लिखा देश, प्रेम, न धर्म, न सुधार को, ना मिले भाव भी वेदना प्रतिकार को l कलम का विद्रोह मन के साथ ऐसा चल रहा...
आज का दिन मेरे जीवन के सबसे सुंदर दिनों में से एक है। आप सभी को बताते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि मेरी पहली किताब "इतवार का एक दिन" प्रकाशित हो चुकी है। यह सफर आप सभी के प्रेम और स्नेह के बिना मुमकिन नहीं होता। अब यह किताब आप सबके हवाले है। उम्मीद करता हूं कि आपको यह किताब…
युद्ध एक यज्ञ है और वीर पुरुष इसके समिधा। कहते हैं आर्यों की मूल वृत्ति यज्ञ करना और युद्ध लड़ना थी। वे निरंतर लड़ते थे , दुसरो से लड़ते थे , आपस में लड़ते थे और तमाम उम्र लड़ते थे। सोलह वर्षीय, प्रपौत्र अभिमन्यु से लेकर वृद्ध पितामह भीष्म एक साथ कुरुक्षेत्र में थे। वे वीर थे…
त्रेता युग से पहले के उस समय की बात है जब देव और दानव लगातार संघर्ष में लिप्त थे। दानवों के गुरु शुक्राचार्य, संजीवनी विद्या में निपुण थे — जिससे वे मृत असुरों को बार-बार जीवित कर देते थे, और देवताओं को पराजय का सामना करना पड़ता था।
Mathematicians: mathematics brings order to the universe. Also mathematicians:
केवड़ा द्विलिंगी है नर को केवड़ा और मादा को केतकी बोलते हैं, कदाचित् संस्कृत में केतकी बोलते हैं। चंपा अलग है। कुछ भ्रांतियां हैं,कुछ लोग चंपा को केतकी बोलते हैं,कुछ केवड़ा और केतकी को एक मानते हैं।
केवड़ा अति सुगंधित होता है जिससे सुगंधित केवड़ा जल बनता है,केतकी धार्मिक अनुष्ठान में काम आता है, पर शिव जी से शापित होने के कारण उनपर वर्जित है। केतकी पर एक दो लाइनें भी लिखी थी मैंने ... "मुझे केतकी सी वर्जना नहीं शिउली सी स्वीकारोक्ति चाहिए। "
THE NATION RECORD BREAKING JUMP! 🤯 Dev Meena - 5.40m at World University Games!
🚨 ANOTHER NATIONAL RECORD FOR DEV 💥 Dev Meena broke National Record with lifetime Best Jump of 5.40m in Men's Pole Vault in Qualification at World University Games 2025! INCREDIBLY WELL DONE, DEV 🇮🇳♥️
"लिख चुकी है विधि तुम्हारी वीरता के पुण्य-लेखे विजय के उद्घोष, गीता के कथन, तुमको नमन है" आज, भारतीय पराक्रम के जयघोष का उत्सव है। शौर्य की यह अमर गाथा लिखने हेतु अपने लहू को स्याही कर देने वाले देश के सभी जाँबाज़ों को आकाश भर प्रणाम।🙏🏻🇮🇳 #KargilVijayDiwas
A thread to boost your daily dose of laughter😁🧵 1. Such a good man🤪