उमेश शर्मा
@umeshsh18432902
जय श्री राम
अमरनाथ के पथ पर श्रद्धालु चल रहे हैं निर्भय, क्योंकि वहाँ BSF कर रही है अडिग पहरेदारी। #AmarnathYatra2025 #AlertBSF
ये दृष्टि दिव्य दृष्टि है जिस पर पड़ती है सब मंगल हो जाता है
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।। ॐ नमः शिवाय 🙏
#ॐ_नमः_शिवायः "नंदी की सेवा, शिव का साथ, भक्ति में है सारा ब्रह्मांड समाहित आज। हर-हर महादेव का नाम जपे, शिव कृपा से मिटे हर संताप।" ॐ नमः शिवाय। 🔱🙏🚩🌿
🔱 पवित्र सावन माह के तीसरे सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं 🔱 🌺"शिव सत्य है-शिव अनंत है-शिव अनादि है-शिव भगवंत है"। 🌺"शिव ओंकार है-शिव ब्रह्मा है-शिव शक्ति है-शिव भक्ति है"।। 🌺कर्पूरगौरं करुणावतारं,संसारसारम भुजगेंद्रहारम्। 🌺सदावसंतं हृदयारविंदे्,भवन भवानीसहितं नमामि।।…
हिंदुस्तान के सभी सनातनियों को प्यार भरी शुभ रात्रि ⚘️🚩🚩🚩🚩🚩🙏 🕉 जय श्री सूर्यदेवाय नमः ⚘️🚩🚩🚩🚩🚩🙏
Anegudde Shri Vinayaka Kumbashi #Kundapura Today's Alankara
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि । श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन क्रता हूं, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है। #संकटमोचन_नाम_तिहारो। #जय__श्री__राम🙏🌹🚩 #हर___हर___महादेव 🙏🔱🚩 #AvatarFireAndAsh
🌸 सुप्रभात 🌸 🌹🌹#जय_श्री_कृष्ण 🌹🌹 "इंसान की असली पहचान उसकी मीठी वाणी और शांत मौन से होती है। शब्द अगर दिल से निकलें, तो चमत्कार कर जाते हैं, और मौन कभी-कभी सबसे गहरी बात कह जाता है। इसलिए बोलें कम, लेकिन प्रेम से बोलें।" 🌹🌹 राधे राधे 🙏🌹🌹 🌼आपका दिन शुभ और मंगलमय हो।
#ॐ_नमः_पार्वती_पतए_हर_हर_महादेव🙏🔱 कर्पूर गौरम करूणावतारम संसार सारम भुजगेन्द्र हारम | सदा वसंतम हृदयारविंदे भवम भवानी सहितं नमामि || #ॐ_नमः_शिवाय🙏🔱🚩 #जय_श्री_महाकाल🚩🙏 #हर_हर_महादेव_शिव_शंभू_ॐ 🙏🚩 #श्रावणी_सोमवार
“संसारविनाशाय कालरूपाय नमः।” Salutations to the cosmic force who manifests as time to dissolve the universe. #Trinetra #BholeNath #WallzByAi
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् जय श्री महाकाल🙏🚩
एकः कर्ता त्वं हि विश्वस्य शम्भो नाना रूपेष्वेकरूपोऽस्यरूपः।🌻 यद्वत्प्रत्यस्वर्क एकोऽप्यनेक- स्तस्मान्नान्यं त्वां विनेशं प्रपद्ये।।🌷 अर्थ:- शम्भो! आप रूपरहित अथवा एकरूप होकर भी जगत्के नाना स्वरूपों में अनेक की भाँति प्रतीत होते हैं। ठीक उसी तरह, जैसे जल के भिन्न-भिन्न…
राम कपिन्ह जब आवत देखा। कीन्ह काज मन हर्ष विशेखा ॥७॥ फटिक शिला बैठे दोउ भाई ।परे सकल कपि चरणन जाई ॥८॥ जब रघुनाथजी ने कपियों को आते देखा कि काज किये विशेष प्रसन्नता से चले आते हैं ॥ ७ ॥ एक स्फटिक शिला पर दोनों भाई बैठे थे, कि सब कपि चरणों में जा पड़े ॥ ८ ॥ दोहा-प्रीति सहित सब…